कुंभ श्याम मंदिर
कुंभ श्याम मंदिर चित्तौड़गढ़ में देखे जाने वाली एक विचित्र जगह है। 8वीं सदी में बने और 15वीं सदी में महाराणा कुंभ द्वारा दोबारा बनवाए गए इस मंदिर में सैलानी बहुत आते हैं। महाराणा कुंभ के नाम पर ही इस मंदिर का भी नाम है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
चित्तौड़गढ़ का कुंभ श्याम मंदिर फतेह प्रकाश पैलेस के पास स्थित है। भगवान विष्णु के वराह अवतार इस मंदिर के देवता हैं। यहां की वास्तुकला इंडो-आर्यन शैली दिखाती है और यह शहर में बने काली माता मंदिर से मिलता जुलता है। यह मंदिर एक उंचे चबूतरे पर बना है। इस मंदिर के कक्ष को इस प्रकार बांटा गया है-
खुला प्रदक्षिणापथ
अर्द्ध मंडप
मंडप
छोटी डेवढ़ी
अंर्ततम गर्भगृह
इस मंदिर की आंतरिक संरचना पिरामिड आकार की है। इसमें हिंदू पौराणिक कथाओं के कई देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। गर्भगृह की दीवारों पर मूर्तियों की नक्काशी की गई है। तोरण पर भी कई डिजाइनें दिखती हैं। मंदिर की ओर देखती हुई मंडप में गरुड़ की एक मूर्ति है।
चित्तौड़गढ़ का कुंभ श्याम मंदिर अब भी अपने अतीत की भव्यता के साथ शान से खड़ा है।
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